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वैष्णवी ने कहा, “वे तो यहाँ हैं नहीं, परसों अपने गुरुदेव से मिलने नवद्वीप गये हैं।” “कब लौटेंगे?” “यह तो पता नहीं गुसाईं।” इतने दिनों से मठ में रहते हुए भी ...